मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे नीच के शनि देव मारक होकर दसवीं दृष्टी दसवें भाव में बैठे अतियोगकारक चंद्र देव को देख रहे है जिस कारण विष योग बनता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है
मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे नीच के शनि देव मारक होकर सातवीं दृष्टी सातवें भाव में बैठे अतियोगकारक चंद्र देव को देख रहे है जिस कारण विष योग बनता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है
मेष लग्न की कुंडली मे लग्न में बैठे शनि देव नीच के होकर तीसरे भाव मे मारक होकर बैठे चंद्र देव पर तीसरी दृष्टी से देख रहे है जिस कारण विष योग बन रहा है इस लग्न कुंडली मे !
मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाते है क्यों की शनि देव यहाँ नीच के हो गए है और चंद्र देव अति योगकारक होकर लग्न भाव मे बैठे है तो यहाँ पर शनि देव
विष योग-
लग्न कुंडली मे शुभ और अशुभ योगों का बहुत महत्व है ज़ब कोई शुभ योग बनता है लग्न कुंडली मे तो जातक को सुख सुविधाओं से भरपूर कर देता है हर तरह की इच्छा पूरी होती ज़ब अशुभ
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोषकाल में और स्थिर लग्न (वृष, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ) में ही किया जाता है।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त-
दीपावली पूजन के लिए शुभ मंगलकारी मुहूर्त प्रात : मुहूर्त 10:30 से दोपहर 01:30 (
धनतेरस की बहुत बहुत शुभकामनायें !
धनतेरस मे सोना-चांदी खरीदारी का समय 25-10-19 को शुभ लग्न सुबह 7 बजे से शुरू होकर 26-10-19 को दोपहर 3 बजे तक है !
धनतेरस दिन शुक्रवार 25 -10-19
धनतेरस पूजा मुहूर्त 19:00 से