बारहवें भाव में शनि+चंद्र विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ग्रह बुरा फल देंगे क्यों की लग्नेश मारक होने के कारण शनि देव विपरीत राजयोग मे नहीं आएंगे !इसलिए यहाँ दोनों ग्रह बुरा फल ही देंगे!
फल -शनि+चंद्र यहाँ बैठे
गुरु 29-3-2020 को मकर राशि पर बुरा फल नही देंगे क्यों की –
नमस्कार दोस्तों मैं एस्ट्रोलॉजर अश्वनी जैन वैदिक ज्योतिष मे आपका स्वागत करता हुँ तो प्रिय दर्शकों मेरी कोशिश है आपको गोचर को सही तरीके से कैसे
ग्यारहवें भाव मे बैठे शनि+चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ शनि देव की वजह से विष योग बनेगा और शनि देव चंद्र देव के अच्छे फल को कम करेंगे !
फल -यहाँ
राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव सिंह लग्न
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव सिंह लग्न
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
गुरु 29-3-2020 को मकर राशि पर बुरा फल नही देंगे क्यों की –
नमस्कार दोस्तों मैं एस्ट्रोलॉजर अश्वनी जैन वैदिक ज्योतिष मे आपका स्वागत करता हुँ तो प्रिय दर्शकों मेरी कोशिश है आपको गोचर को सही तरीके से कैसे
गुरु 29-3-2020 को मकर राशि पर बुरा फल नही देंगे क्यों की –
नमस्कार दोस्तों मैं एस्ट्रोलॉजर अश्वनी जैन वैदिक ज्योतिष मे आपका स्वागत करता हुँ तो प्रिय दर्शकों मेरी कोशिश है आपको गोचर को सही तरीके से कैसे
मकर के शनि 24-1-2020 से 17-1 2023 तक रहेंगे तो इस वीडियो मे मेष लग्न की कुंडली वालों के लिए साढ़ेसाती अच्छा या बुरा प्रभाव देगी लेकिन कैसे? इस वीडियो मे बताया गया है !मेष लग्न वालों के कुम्भ राशि
विष योग मिथुन लग्न पार्ट-8
आठवें भाव मे बैठे शनि विपरीत राजयोग मे आएंगे लेकिन एक बात ध्यान देने योग्य है वो यही की कहीं शनि देव विपरीत राजयोग मे ना हो अगर शनि देव विपरीत राजयोग मे हो
सातवें भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन चंद्र देवता की वजह से शनि देव इस भाव मे योगकारक ग्रह है जिस वजह से विष योग का बुरा प्रभाव नही देंगे बल्कि चंद्र देवता देंगे और शनि देवता
विष योग मिथुन लग्न-6
लग्न मे बैठे शनि चंद्र छठे भाव मे विष योग बनाएंगे अवश्य लेकिन ध्यान दें की लग्नेश अगर बली हुआ तो शनि देव विपरीत राजयोग मे आएंगे तो बुरा फल नही देंगे अन्यथा विष योग
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव वृष लग्न…
1.पहला भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव अच्छा
2.दूसरा भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा
3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-बुरा
4.चौथा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु, भाव-अच्छा
5.पांचवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
6.छठा भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई
वास्तु और ग्रहों का सम्भन्ध
अगर आपकी लग्न कुंडली मे शनि-राहु-मंगल
देव ग्रह सही ना हो या नीच हो उनका प्रभाव
बुरा हो तो वास्तु के मुताबिक कुछ चीज़ों को
ध्यान मे रख कर उनके बुरे प्रभाव मे
कमी आ
देखो ज्योतिष को सही मायनों :-व्यापार ना बनाओ ये विधा बहुत अमूल्य धरोवर है,जिसे हमारे ऋषि मुनियों ने संजोकर रखा था,
राहु भृमजाल है,माया है कल्पना है,विचारों में भृमण कर रहा है,ये वो दृश्य शक्ति है जिसे पहचान पाना
राहुदेव फलादेश मेष लग्न 1 से 12 भाव…
अक्सर हमें राहु-केतु ग्रह से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता
राहु-केतु देव हमेशा बुरा फल नहीं देते क्यों की….
अक्सर हमें राहु-केतु ग्रह से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता
केतुदेव फलादेश मेष लग्न 1 से 12 भाव…
अक्सर हमें केतु ग्रह से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
1.पहला भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव अच्छा
2.दूसरा भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा
3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि- नीच,भाव-बुरा
4.चौथा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु, भाव-अच्छा
5.पांचवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
6.छठा
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव मिथुन लग्न…
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1999716900165480&id=324605007676686
1.पहला भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव अच्छा
2.दूसरा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
4.चौथा भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र, भाव-अच्छा
5.पांचवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा
6.छठा भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई
https://www.facebook.com/324605007676686/posts/2000646
राहुदेवफलादेश 7 से 12 भाव मिथुन लग्न…
7.सातवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा
8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
9.नवम भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि
राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव वृष लग्न…
7.सातवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा
8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा
9.नवम भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
10.दशम भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-बुरा
ध्यान दें-जिस भाव मे राहु देव बैठे हो उस घर के स्वामी की