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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर चौथे भाव का मालिक बाहरवें भाव में बैठा हो और बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठा हो तो भी विदेश में जाकर काम काज करने का योग बनता है। उदाहरण कुंडली
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01 Jan

PARTS OF BODY-शरीर के अंग

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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शरीर के अंग  पहला भाव -चेहरा,सिर,बाल दूसरा भाव -गला,वाणी,गर्दन,कंठ तीसरा भाव -बाजू चौथा भाव -छाती पांचवा भाव -पेट छठा भाव -पीठ सातवां भाव -सेक्स आठवां भाव -कमर नौवां भाव -जाँघे दसवां भाव -घुटने ग्यारहवां भाव -पिंडली बाहरवां भाव -पैर,पांव
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01 Jan

भाव विस्लेषण

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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भाव विस्लेषण पहला भाव – प्रवृत्ति,स्वाभाव,शरीर की बनावट,चेहरा,व्यव्हार,चरित्र,जीवन की शुरुआत,स्वास्थय,प्रसन्नता,सवंय का व्यक्तित्व। दूसरा भाव -धन,परिवार,वाणी,कुटुम्ब,फाइनेंस । तीसरा भाव -पराक्रम,परिश्रम,छोटे भाई-बहन,छोटी यात्राएं,बाहुबल,मित्रगण,सामाजिक मेल-मिलाप,शारीरिक क्षमता । चौथा भाव -गाड़ी,भूमि,मकान,माता,सुख -सुविधायें,जन्म भूमि,जनता । पंचम भाव -बुद्धि,संतान,स्मरण शक्ति,अचानक धन लाभ होना,प्रेम -प्रसंग,निर्णय लेने की
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01 Jan

मीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग, मीन लग्न में मंगलीक भंग योग
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मीन लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह योगकारक है और त्रिकोण (भाग्य ) के स्वामी भी है। इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१४

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१४, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
बाहरवें भाव का स्वामी अगर दूसरे भाव में बैठा हो या फिर दूसरे भाव से कोई भी सम्बन्ध हो तो परिवार सहित विदेश में हमेशा रहने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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01 Jan

रत्न क्यों धारण किये जाते है ?-Why are the gems held?

  • By Ashwani Jain
  • In all india best astrology, Ashwani jain astrologer, BEST ATROLOGER, JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP, रत्न-Gems
  • 0 comment
क्या आप जानते है ज्योतिष के मुताबिक रत्न क्यों पहनाएं जाते ? रत्न पहनने का अर्थ यह है की जिस ग्रह का रत्न धारण किया जाता है उस ग्रह की किरणों को शरीर में बढ़ाना होता है। रत्न धारण करने
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01 Jan

साढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती के बारें में जरूरी बातें।, साढ़ेसाती कैसे देखें ?
जब गोचर के शनि देव जन्मकुंडली के चन्द्रमा राशि से एक राशि आगे चले जाये तो वो साढ़ेसाती का आखिरी ढैया होता है उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा मकर राशि में और गोचर के शनि देव कुम्भ राशि में
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01 Jan

साढ़ेसाती कैसे देखें ?पहला ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती कैसे देखें ?
साढ़ेसाती हमेशा जन्म लग्न कुंडली के चन्द्रमा के हिसाब से देखी जाती है,जन्म कुंडली में जहाँ चंद्र देवता बैठें हो या जिस राशि में बैठे हो साढ़ेसाती का हमें वहीं से ही पता चलेगा। उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा
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01 Jan

मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक योग -MANGLIK YOGA
मांगलिक योग सबसे पहले यह जानना आवश्यक है की मंगलीक दोष नहीं एक योग होता है,वास्तव में किसी भी कुंडली में मांगलिक एक दोष नहीं योग माना जाता है परन्तु बहुत से ज्योतिषी मांगलिक दोष कह कर लोगों के मनों
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२०

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२०, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
विदेश में हमेशा रहने-नौकरी-कामकाज-पढ़ाई-यात्रा का योग देखने के कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें । १.ग्रहों का बलाबल और डिग्री । २.ग्रहों की महादशा और अन्तर-दशा । ३.चौथे भाव के स्वामी का बलाबल जितना कम होगा उतना जल्दी ही विदेश
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01 Jan

वास्तु टिप्स – VASTU TIPS

  • By Ashwani Jain
  • In वास्तु-Vastu
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जन्मकुंडली के उपाय के साथ साथ हमे वास्तु का ध्यान रखें तो और ज्यादा बेहतर रहता है। घडी,दर्पण,वाश बेसिन,भगवान की फोटो,टीवी उतर,पक्षिम और पूर्व की दिशा में ही लगानी चाहिए । उतर,पक्षिम,और पूर्व की दिशा में फीका रंग करवाना चाहिए।
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01 Jan

कुंडली के १२ भावों के नाम :-

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
  • 0 comment
कुंडली के १२ भावों के नाम इस प्रकार है:- १.तन भाव २.धन भाव ३.भ्राता भाव ४.माता भाव ५.संतान भाव ६.रोग भाव ७.जया भाव ८.आयु भाव ९.भाग्य भाव १०.कर्म भाव ११.लाभ भाव १२.खर्च भाव
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01 Jan

भावेश-Bhavesh-भाव व्याख्यान

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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                कुंडली के सभी भावों को निम्नलिखत शब्दों द्वारा संबोधित किया जाता है :- १.लग्नेश २.द्वितीयेश ३.तृतीयेश ४.चतुर्थेश ५.पंचमेश ६.षष्ठेश ७.सप्तमेश ८.अष्टमेश ९.नवमेश १०.दशमेश ११.एकादशेश १२.द्वादशेश नोट-भाव की राशि के स्वामी को भावेश
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01 Jan

गोचर का विवेचन-Transit In Birth Chart

  • By Ashwani Jain
  • In गोचर का विवेचन-Transit In Birth Chart
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गोचर का विवेचन-गोचर कैसे देखें जन्म कुंडली में। गोचर जन्म कुंडली का विस्लेषण करते समय बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए लग्न कुंडली की विवेचना (व्याख्या) करते समय इस का खास ध्यान रखना चाहिए। गोचर को सदा लागु करते समय
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14 Jul

सिंह लग्न में सातवें में भाव मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA, सिंह लग्न में मंगलीक भंग योग
सिंह लग्न में सातवें में भाव मंगलीक भंग योग- सिंह लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता सातवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक है और लग्नेश
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15 Feb

मेष लग्न सप्तम भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न मे मंगलीक भंग योग – ज्योतिष के मुताबिक मेष लग्न में सातवें भाव में बैठा मंगल अति योगकारक है और पंचमहापुरुष बना रहा है जिस कारण मंगलीक भंग योग बनता है ! पंचमहापुरुष योग -मंगल अगर केंद्र
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01 Jan

तुला लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In तुला लग्न में मंगलीक भंग योग
तुला लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग- तुला लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता पहले भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल अपनी सातवीं दृष्टी अपने ही घर पर पड़ती
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05 Oct

दीपावली पर प्रमुख नगरों के लिए महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त

  • By Ashwani Jain
  • In दीपावली पर प्रमुख नगरों के लिए महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त
इस वर्ष प्रदोषव्यापिनी कार्तिक कृष्ण अमावस्या 24 अक्टूबर, 2022 को (सोमवार) होने से इसी दिन दीपावली पर्व मनाया जाएगा। इस दिन महालक्ष्मी पूजन प्रदोषकाल में किए जाने का विधान है। यहाँ प्रदोषकाल सूर्यास्त के पश्चात् 1
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05 Oct

सूर्य ग्रहण 25-10-2022 और चंद्र ग्रहण 8-11-2022

  • By Ashwani Jain
  • In चंद्र ग्रहण 8-11-2022, सूर्य ग्रहण 25-10-2022
एक दीपावली के अगले दिन, तो दूसरा कार्तिकी पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 पर कार्तिक मास की अमावस्या एवं पूर्णिमा पर ग्रहण पड़ रहे हैं। 25 अक्टूबर, 2022 को कार्तिक अमावस्या पर सूर्यग्रहण तथा 08 नवम्बर, 2022
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14 Aug

व्यवसाय और उपाय कन्या लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In व्यवसाय और उपाय कन्या लग्न
व्यवसाय और उपाय कन्या लग्न
बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका एक ही टारगेट होता है के उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और टोटके करने
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