मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योग –
मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे बैठा मंगल मंगलीक नही माना जायेगा क्यों की आठवें भाव मे मंगल उच्च के हो जाते है जो की अच्छा फल देने बाध्य हो
कर्क लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –
कर्क लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की
क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति कारक
आप सब घर में तुलसी का प्लांट जरूर लगाए !
१.घर में बरकत रहती है !
२.बिमारियों से छुटकारा मिलता है !
३.रोज़ सुबह तुलसी के आगे घी का दीपक करने से ग्रह दोष दूर होते है !
४.घर में
१.जल प्रवाह २.दान पुण्य ४.पाठ-पूजन ५.रत्न धारण
१.जल प्रवाह- यदि कोई भी ज्योतिष या विद्वान कोई भी वस्तु जल प्रवाह करने के लिए कहता है तो इसका अर्थ यही है जिस ग्रह सम्बंधित वह वस्तु है,उस वस्तु को पानी में डालने
रोज़ रात को सोने से पहले अगर मोर पंख से हवा ली जाये तो ऊपरी हवा और बुरी नज़र से छुटकारा मिलता है,शनि,राहु,केतु देवता को शांति मिलती है और इनके बुरे प्रभाव कम होते है।
यह भी कहा जाता है
मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग –
मकर लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह उच्च के हो होते है और रुचक नामक पंच
‘पिता का सही घर’
दूसरा भाव :आपका परिवार दशम भाव :पिता का परिवार
बहुत सारे लोग दशम भाव को पिता का घर मान लेते है
बच्चों को तुलसी तुलसी के पौधे को पानी देने से बुद्धि का विकास होता है।
तुलसी के पौधे को रोज़ घी का दिया जलाने से भी बुद्धि का विकास होता है।
सोते समय मोबाइल फ़ोन के साथ पानी नहीं रखना
ग्रह -:
हमारे सौर मंडल में अनगणित ग्रह है। हमारे शरीर में जिन ९ ग्रहों का प्रभाव पड़ता है,ज्योतिष शास्त्र में उन्ही नौ ग्रहों का अध्यन किया है जो इस प्रकार है :-
१.सूर्य
ग्रहों के कारकत्व-:
सूर्य देवता -पिता,सरकारी नौकरी,आत्मा,मान -यश,जीव,दिल,हड्डी,शासन का भी कारक है।
चंद्र देवता -मन,माता,तरलता,मन के भाव,भावुकता अशांत मन,सबसे तेज़ चलने वाला ग्रह,मानसिक का भी कारक है।
मंगल
ग्रहों की उच्च,नीच,और स्व राशि :–
उच्च ग्रह की परिभाषा –:जब कोई
ग्रहों के कारक भाव-:
कारक भाव वह भाव होता है जिसमे एक अच्छा ग्रह अच्छे फल देने के लिए बाध्य होता है और बुरा
गुरु ग्रह वृष राशि में १–५–२०२४ से १५–५–२०२५ तक रहेंगे।गुरु ग्रह 1-5-2024 को वृष राशि मे प्रवेश कर रहे है 15 मई 2025 तक रहेंगे।
मेष-धन लाभ खर्चे कम सेंविंग ज्यादा के चांस।वृष-स्वास्थ्य का ध्यान रखें।मिथुन-विदेश
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न…
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न
7.सातवां भावफल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव -अच्छा
8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा
9.नवम भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा
10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं
वास्तु टिप्स
VASTU TIPS
जन्मकुंडली के आधार पर वास्तु टिप्स
अगर आपकी लग्न कुंडली यानि जन्म कुंडली मे सूर्य,मंगल नीच के,मारक,या राहु देव से दूषित और बुरे फल दें रहें हो तो आप आपने घर या कमरे मे ईशान कोण
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न…
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल