विष योग+कर्क लग्न-12
बारहवें भाव में शनि+चंद्र विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ग्रह बुरा फल देंगे क्यों की लग्नेश मारक होने के कारण शनि देव विपरीत राजयोग मे नहीं आएंगे !इसलिए यहाँ दोनों ग्रह बुरा फल ही देंगे!
फल -शनि+चंद्र यहाँ बैठे शनि चंद्र दिमागी परेशानी, टेंशन, स्वस्थ ठीक ना रहना,पत्नी बीमारियों से परेशान रह सकती है !सातवीं दृष्टी शनि+चंद्र की छठे भाव पर पड़ने से प्रतियोगिता मे दिक्कत परेशानी, साझेदारी मे दिक्कत परेशानी, छोटी मोती बीमारियों या दवाईयां चलती रहनी, पत्नी से मन मुटाव, रोजी रोजगार और माता से अनबन रह सकती है !तीसरी दृष्टी शनि देव की दूसरे भाव पर पड़ने से परिवारिक दिक्कत परेशानी, बोली-वाणी से झगड़ा बढ़ना,धन की कमी,गला खराब भी रह सकता है !दशम दृष्टी नवम भाव पर पड़ने से भाग्य मे दिक्कत परेशानी, पिता से अनबन रहना,विदेश यात्रा मे दिक्कत परेशानी रह सकती है !
नोट -ग्रहों का डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें अर्थात फलों मे फर्क आ सकता है !
ध्यान दें -अगर चंद्र देवता अस्त हो तो मोती पहन सकते है लेकिन गोचर अनुसार या ज्योतिषचार्य से सलाह लें !
परहेज़ -कर्क लग्न वाले नीलम कदापि ना पहने !
उपाय -1.शिवलिंग पर दूध चढ़ाये हर सोमवार !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.हर सोमवार सफ़ेद चीज़ें दान करें या चींटियों को चीनी डालें !
4.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
5.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
6.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
7.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
8.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
9.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
10.ॐ शनये नमः का पाठ करें