विष योग कर्क लग्न पार्ट -11
ग्यारहवें भाव मे बैठे शनि+चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ शनि देव की वजह से विष योग बनेगा और शनि देव चंद्र देव के अच्छे फल को कम करेंगे !
फल -यहाँ बैठे चंद्र देवता उच्च के हो गए जो की विष योग नहीं बनाएंगे बल्कि अच्छे फल देंगे जैसे की -अपनी इच्छा खुद पूरी करना,धन ज्यादा,स्वास्थ्य अच्छा रहना,अच्छी सोच बनाएं रखना !सातवीं दृष्टी चंद्र देवता की तेज़ दिमाग़,अपनी इच्छा अनुसार शादी,प्यार मे सफलता,जनता से लाभ, पढ़ाई मे अच्छा रहता है !शनि देव इस भाव मे धन मे कमी, शरीरिक दिक्कत परेशानी,इच्छा पूरी नहीं होती !तीसरी दृष्टी शनि देव की लग्न भाव पर पड़ने से स्वास्थ्य मे दिक्कत परेशानी, स्वभाव मे चिड़चिड़ापन ज्यादा, उग्र स्वभाव ज्यादा रहेगा!सातवीं दृष्टी पंचम भाव पर पड़ने से पढ़ाई,प्यार,जनता के कार्य मे असफलता मिलती है दिमागी परेशानी भी रहती है !दशम दृष्टी आठवें भाव पर पड़ने से दिमागी परेशानी, मृत्युं तुल्य कष्ट, ससुराल से दिक्कत परेशानी रह सकती है !
ध्यान दें -मोती पहन सकते है लेकिन गोचर अनुसार या ज्योतिषचार्य से सलाह लें !
नोट-ग्रहों का डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें अर्थात फलों मे फर्क आ सकता है !
उपाय -उपाय -1.मोती पहन सकते है !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
4.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
5.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
6.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
7.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
8.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
9.ॐ शनये नमः का पाठ करें !